Add general_offices group to this language Abu-Ghazaleh Intellectual Property | इंटरनेट पर बौद्धिक सम्पदा

इंटरनेट पर बौद्धिक सम्पदा


डिजिटल सामग्री पर कुवैत की फोरम

मार्च 25-27, 2006

चार्ल्स शाबान

(Cshaban@agip.com)

अबू-गज़ालेह बौद्धिक संपदा (एजीआईपी)

विषय

- बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर)

- आईपीआर और डोमेन नाम (आईडीएन सहित)

- आइ्रपीआर और वेबसाइट सामग्री

- अंतर्राष्ट्रीय संगठन और संधि

- डोमेन नाम अध्ययन मामले

- सावधानियां

- इंटरनेट प्रभुता - डब्ल्यूएसआईएस/डब्ल्यूजीआईजी/आईजीएफ

पहला - बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर)

सर्वाधिकार


यह एक साहित्यिक संपत्ति का अधिकार है जिसे एक निर्धारित साहित्यिक या कलात्मक उत्पादनकर्ता (वृहद परिभाषा) के लेखन या जनक को दिया जाता है।


ट्रेडमार्क

यह एक विशिष्ट चिन्ह होता है, जिसके द्वारा किसी विशिष्ट वस्तुओं या सेवाओं को पहचान मिलती है जिसे किसी व्यक्ति विशेष या उद्यम द्वारा उत्पादित या उपलब्ध कराया जाता है।


पेटेंट

यह एक एक अधिकारी द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र होता है जिसमें किसी अविष्कारक को एक निर्धारित समय के लिए कुछ अधिकार दिए जाता है ताकि अन्य लोग को उसकी अनुमति के बगैर किसी अविष्कार को बनाने, उपयोग करने या बेचने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है।


नमूने

एक नमूना किसी उत्पाद का पूरी तरह से या आंशिक तरीक से, विशेष, प्रकार, आकृतियों, रंगों, आकारों, बनावट या उत्पाद की सामग्रियों या इसकी सजावट को संदर्भित करता है।

भौगोलिक संकेतक

कुछ ऐसे उत्पाद जो एक निश्चित भौगोलिक भाग को बतातो हैं जैसे कि शैम्पेन (शैम्पेन क्षेत्र की मदिरा) या राकॅफोर्ड पनीर/चीज़


गैर-पारम्परिक संकेत

हालांकि अधिकांश अरब देशों मंे अभी भी इन संकेतों जैसे कि गंध या ध्वनि के नियमों की कमी है; इन्हें प्रस्तुत करने के लिए कुछ देशों ने नियमों में संशोधन करना प्रारम्भ कर दिया है। इस नियम संशोधन का ताज़ा उदाहरण जो कि अभी फरवरी 2006 में मोरक्को में जारी किया गया था।


डोमेन नाम हैंः

- जेनेरिक शीर्ष स्तर के डोमेन नाम (जीटीएलटीडी)

जैसे कि .com, .net, .org, .bç, .info…  जो कि किसी विशेष क्षेत्राधिकार से संबंधित नहीं हैं और इन टीएलडी में से कोई भी किसी डोमेन के नाम को संरक्षित कर सकता है।

- देश कोड शीर्ष स्तर के डोमेन नाम (सीसीअीएलडी)

जो किसी एक विशेष देश से संबंधित होते हैं; उदाहरण के लिएः कुवैत के लिए .kw ,  जार्डन के लिए .Jo, यूनाईटेड किंगडम के लिए .uk इत्यादि।


2 - आईपीआर और डोमेन नाम के मामले

फिशिंग/स्पूफिंग

वेबओपीडिया में फिशिंग की अच्छी परिभाषा दी गई हैः किसी उपयोगकर्ता को स्थापित वैध उद्यम के तौर पर दावा करते हुए एक ई-मेल भेजकर उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी को प्राप्त करने के लिए उसे फंसाना ताकि उसका उपयोग पहचान चोरी करने के लिए किया जा सके।


यह ई-मेल उपयोगकर्ता को एक अन्य वेबसाइट पर ले जाती है जहां पर उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि पासवर्ड, क्रेडिटकार्ड, सामाजिक सुरक्षा और बैंक खाता नम्बर को अपडेट करने के लिए कहा जाता है जो उसे वैध संगठन के पास पहले से ही मौजूद है। हालांकि यह वेबसाइट फर्जी है और उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी को चोरी करने के लिए बनाई गई है। उदाहरण के लिए, सन् 2003 में इस फिशिंग कांड की अत्याधिक वृद्धि देखी गई थी जिसमें उपयोगकर्ताओं को ईबे की ओर से अनुमान लगाने वाली ईमेल प्राप्त हुई जिसमें उनके खाते को बंद करने के बारे में कहा गया था जब तक कि वे दी हुई लिंक पर जाकर अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी को अपडेट नहीं करते हैं जबकि ये सब जानकारी ईबे के पास पहले से ही मौजूद थीं। क्योंकि एचटीएमएल कोड की नकल करके एक वेबसाइट को किसी वैध संगठन की वेबसाइट की तरह से दिखाना अपेक्षाकृत आसान है, इसलिए लोगों को यह सच लगा कि ईबे के द्वारा उनके साथ संपर्क किया जा रहा है और अपने खाते की जानकारी को अपडेट के लिए वे ईबे की वेबसाइट पर जा रहे हैं। अधिक समूह के लोगों के साथ स्पैमिंग करके, “फिशर” लोगों द्वारा पढ़ी गई ईमेल के प्रतिशत के द्वारा यह जाना जा सकता है कि वास्तव में कितने लोगों ने ईबे के साथ वैध तरीके से अपने क्रेडिट कार्ड के नम्बर सूचीबद्ध किए थे।

फिशिंग को ब्रांड स्पूफिंग या कार्डिग भी कहा जाता है, यह मछली पकड़ने से भिन्न है, इसमें विचार यह है कि चारा इस उम्मीद से डाला जाता है कि अधिकांश लोग इस चारे को अनदेखा कर देंगे परन्तु कुछ लोग इस चारे में फसने के लिए प्रलोभित होंगे।


साइबर स्क्वेटिंग और टायपो स्क्वेटिंग

साइबर स्क्वेटिंग, यह एक प्रकार का डोमेन किसी ट्रेडमार्क या उद्यम के नाम पर होना है, और टायपो स्क्वेटिंग डोमेन नाम को हूबहू किसी ट्रेडमार्क या उद्यम के नाम के समान होना है। आईसीएएनएन द्वारा अपनाई गई समान विवाद निपटारा नीति (यूडीआरपी) को अपनाया गया और जीटीएलडी पर इसे लागू किया गया - और कुछ सीसीटीएलडी भी इसका उपयोग करते हैं - यह आमतौर पर ट्रेडमार्क स्वामी के पक्ष में समस्या को हल करने में सक्षम है।

साइबर गड़बड़ी

किसी ट्रेडमार्क या व्यापार के नाम से असंतोष प्रकट करने वाला डोमेन नाम (जैसे कि साइट)

गैर-पंजीकृत ट्रेडमार्क

एक डोमेन नाम एक प्रसिद्ध नाम होता है जैसे कि व्यक्तिगत नाम। इस प्रकार से बहुत से मामले पिछले कुछ वर्षों में प्रकट हुए हैं जिसमें कई प्रसिद्ध अभिनेता और हस्तियों के नाम हैं।


बौद्धिक संपदा और अंतर्राष्ट्रीय डोमेन नाम

वर्तमान में, बहुभाषी ट्रेडमार्क दो तरीकों से सुरक्षित हैं: “लिप्यांतरण या अनुवाद”। चाहे किसी चिन्ह का लिप्यांतरण या अनुवाद संभव हो, यह उस देश की संस्कृति और भाषा पर निर्भर करता है जहां पर इसे पंजीकृत किया गया है। इसके बावजूद, ट्रेडमार्क मालिक अक्सर इन्हें इनकी वास्तविक प्रति में ही पंजीकृत कराते हैं। पंजीकरण की प्रक्रिया में मुख्य बात यह पहचान करना है कि क्या स्थानीय ग्राहक ट्रेडमार्क को पहचानने और संबंधित वस्तुओं एवं सेवाओं को पहचानने में सक्षम हैं।

अभी तक, ट्रेडमार्क मालिकों ने केवल लैटिन भाषा में प्रति पर ध्यान दिया है ताकि उनके ट्रेडमार्क को डोमने नाम के तौर पर रक्षा मिल सके। बहुभाषी डोमने नाम प्रणाली में ट्रेडमार्क मालिकों को सावधानीपूर्वक आकलन करना होता है कि वे अपने ट्रेडमार्क को गैर-लैटिन भाषा प्रति में अपने डोमेन नाम को किस प्रकार से अच्छी तरह सुरक्षित रख सकें।

बहुभाषी ट्रेडमार्क के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून दोनों ही सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। खासतौर पर, कई अंतर्राष्ट्रीय संधियां लिप्यांतरण और अनुवादित शब्दों की सुरक्षा करती हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: “पेरिस सभा, टीआरआईपीएस, ट्रेडमार्क नियम संधि, और मेड्रिड अनुबंध प्रोटोकाल आदि। चाहे ये संधियां बहुभाषी ट्रेडमार्क को सुरक्षा प्रदान करने में योग्य पाई जाएं या नहीं परन्तु इन्हें बहुभाषी डोमेन नामों के विवाद पर जरूर परखा जाएगा।”

यह चार्ट भाषाओं, लिपियों और देशों (जैसे कि अरबी में एक लिपि है जो कई भाषाओं में और कई देशों में उपयोग की जाती है) में विविधता को दर्शाता है और यह आमतौर पर कैसे भिन्न-भिन्न न्यायिक क्षेत्रों में आईपीआर के सहित नीति संबंधित मामलों को प्रभावित करता है।

समान विवाद समाधान नीति (यूडीआरपी)

एक किसी भी डोमेन नाम के लिए यूडीआरपी को दर्ज करने के लिए जो कि एक ट्रेडमार्क के समान या समरूप है, तो निम्नलिखित सही होने चाहिएः

• डोमेन नाम, किसी ट्रेडमार्क या सेवा चिन्ह से समान या भ्रामक के जैसा ही है जिसमें शिकायतकर्ता के पास अधिकार है;

• डोमेन नाम के संबंध में उसके मालिक के पास कोई अधिकार या वैध स्वार्थ नहीं है;

• डोमेन नाम पंजीकृत है और खराब विश्वास के साथ उपयोग किया जा रहा है।


शिकायतकर्ता एक निर्देशी या तीन निदेर्शी के मध्य चुनाव कर सकता है (कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं)

चार मान्यताप्राप्त केन्द्र हैं जो यूडीआरपी प्रदान करते हैं:

• वैश्विक बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ)

• राष्ट्रीय आर्बिट्रेशन फोरम (एनएएफ)

• एशियन डोमने नेम विवाद समाधान केन्द्र (एडीएनडीआरसी)

• विवाद समाधान के लिए सीपीआर संस्थान (सीपीआर)


प्रथम से फाइल बनाम सूर्योदय

जब नया जीटीएलडी स्वीकृत होते हैं, तो अभी प्रक्रिया में उपयोग किया जाने वाला हिस्सा जो रजिस्ट्रियों को ट्रेडमार्क स्वामियों (सूर्योदय काल) के लिए पंजीकरण के समय खोला जाता है ताकि वे अपने ट्रेडमार्क को सुरक्षित कर लें उसके बाद उन रजिस्ट्रियों को सार्वजनिक तौर पर पंजीकरण के लिए खोल दिया जाता है।

यह कई मामलों में अच्छा साबित हुआ है लेकिन अन्य मामलों में यह लागू नहीं हो सकता, उदाहरण के लिए बहुभाषी डोमेन नाम के साथ सूर्योदय यदि असम्भव न हो परन्तु बहुत ही कठिन साबित होता है, ऐसा क्यों होता है निम्नलिखित बिन्दु इसे साबित करते हैंः

• आईडीएन का वैश्विक प्रकृति (कोई भी खोजने योग्य डेटा बेस नहीं होता है)

• यदि डीबी का अस्तित्व हैः विदेशी अक्षरों को प्रबंधित करने में एकाकी पंजीयक को मुश्किल होगी।

• सनराइज़ पंजीकरण को पूर्ण करेगाः टीएम स्वामित्वों को प्रत्येक जीटीएलडी ट्रेडमार्क का सामना करना होगा, खासतौर पर महत्वपूर्ण भाषाओं जैसे कि चीनी और अरबी भाषाओं में।

• यदि टीएम स्वामी इसका सहयोग नहीं करते हैं तो साइबरस्क्वाटर्स इंटरनेट में रूचि छोड़ देंगे।

• सरराइज़ कुछ एएससीएलएल जीटीएलडी (जैसे कि यूएस) के साथ कार्य करता है, सामान्यतौर पर पैसों/लाभ विश्लेषण पर कार्य करता है, भविष्य के रोल-आउट में टीएम स्वीमी सनराइज़ काल पर फिर से विचार करेंगे।


आईडीएन के मामले में निष्कर्षः वास्तविक समय अधिक से अधिक कौन है की निरंतर पहुंच पर ध्यान केन्द्रित करें और विवाद समाधान नीतियों को संरक्षित करें।

मौजूदा यूडीआरपी नीति में सुधार के लिए आईएनटीए डीएनएस की उपसमिति ने कोई सुझाव नहीं दिया है, इसके बजाय इसने संबंधित भाषाविद्वों के ज्ञान पर भरोसा करने का निर्णय लिया है।

तीसरा - आईपीआर और वेबसाइट सामग्री

कापीराइट/सर्वाधिकार


इस प्रकार से सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कापीराइट/सर्वाधिकार वाले कार्यों के सुरक्षा वाले वैधिक तंत्र को लगातार विकसित कर रही है। सर्वाधिकारों को संरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संधियों को वृहद स्तर पर स्वीकृति दी गई है और इस प्रकार का सार्वजनिक ज्ञान को धीरे-धीरे सुधारा जा रहा है। वर्तमान समय में इसके कार्यान्वयन और प्रवर्तन में चुनौतियां हैं।

सर्वाधिकार से संबंधित मौजूदा कानून व्यवस्थाः


इतिहास में आईपीआर सम्मेलनों में से एक सबसे सफल बर्न इंटरनेश्नल यूनियन फार द प्रोटेक्शन आफ लिटररी एंड आर्टिस्टिक वर्कस (1889) (बर्न सभा) रहा है। इसे 160 देशों के द्वारा स्वीकृत किया गया था। बर्न सभा के परिणामस्वरूप किसी भी अन्य हस्ताक्षरकर्ता देश में कापीराइट को पंजीकृत कराने की कोई आवश्यकता नहीं है यदि उसके मालिक ने एक बार अपने देश में इसका पंजीयन करा लिया है।


रोम की कन्वेंशन फार प्रोटेक्शन आफ परफार्मस, प्रोड्यूसर्स आफ फोनोग्राम्स एंड ब्रोडकास्टिंग आर्गनाईजेशनस् (1961) किसी कार्य के लेखक और किसी खास चीज़ के स्वामी, बौद्धिक संपदा के भौतिक प्रस्तुतकर्ता जैसे कि आडियो कैसिट सीडी या डीवीडी को पहली बार कापीराइट संरक्षण प्रदान करता है।


व्यापार से संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार (टीआरआईपी) समझौता (1996) उरुग्वे दौरे से निकलने वाला विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का बौद्धिक समझौता है। टीआरआईपी ने बर्न और रोम सभाओं को अन्य बातों के मध्य में अपनाया और आगे बढ़ाया है। टीआरआईपी साफ्टवेयर निर्यातकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अनुबंध कम्प्यूटर साफ्टवेयर को साफ तौर पर बर्न सभा के दायरे में जोड़ता है और इस प्रकार से डब्ल्यूटीओ सदस्यों को कम्प्यूटर प्रोग्रामों को कापीराइट साहित्यिक कार्यों के तौर पर संरक्षित करने के लिए बाध्य बनाता है।


डब्ल्यूआईपीओ कापीराइट संधि (डब्ल्यूसीटी) (1996) (जिसमें फरवरी 2006 तक 58 समूह थे) और डब्ल्यूआईपीओ परफार्मेंस एंड फोनोग्राम्स संधि (डब्ल्यूपीपीटी) (1996) (जिसमें फरवरी 2006 तक 57 समूह थे) की दो “इंटरनेट संधियों” ने 6 मार्च 2002 एवं 20 मई 2002 को क्रमशः प्रवेश किया था। इन दोनों संधियों को मौजूदा कापीराइट और अधिकार संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संधियों क्रमशः बर्न सम्मेलन और रोम सम्मेलन को अपडेट और पूरा करने के उद्देश्य से बनाया गया था। इंटरनेट पर आईपी सुरक्षा से संबंधित इन संधियों में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:


अ- डिजीटल परिवेश में पुनरुत्पादन का अधिकार

कम्प्यूटर की मेमोरी में किसी भी अपलोड को (विवादों में चाहे इसमें रेंडम एक्सेस मेमोरी भी शामिल है) करने के लिए सबसे चर्चित दो इंटरनेट संधि बर्न संधि और रोम सभा के उद्देश्यों के लिए पुनरुत्पादन के कार्य के लिए बनाई गईं थीं जिससे डिजिटल समय में कानूनों को उपयुक्तता प्राप्त होती है। इसलिए बर्न सभा के मौजूदा ‘तीन चरण परीक्षण’अपवादों को ‘कुछ विशेष मामलों में’ अनुमति दी जाती है कि कार्य के ‘किसी सामान्य दोहन के साथ विवाद नहीं करें’ और ‘इन अपवादों को विस्तारित करने के लिए सदस्यों को दिए गए ‘अनुचित तरीके से लेखक के वैध हितों को पूर्वाग्रह नहीं करे हैं’ क्योंकि ये बहुत ही उपयुक्त मानते हैं।

ब- इंटरनेट पर परस्पर संवादात्मक प्रसारण

डब्ल्यूसीटी एवं डब्ल्यूपीपीटी भी कार्य करते, प्रदर्शन और फोनोग्राफ्स समय अधिकार धारकों को भी पूरी तरह से स्पष्ट करते हैं कि ये सभी सार्वजनिक तौर पर इंटरनेट पर डाउनलोड या पहंुच योग्य हों तथा ये पुल-आधारित तकनीक पर पारम्परिक पुश-आधारित प्रसारण के विरोध में मौजूद हों।

डब्ल्यूसीटी एवं डब्ल्यूपीपीटी अधिकार एवं ईमानदारी के नैतिक अधिकारों को आगे बढ़ाने एवं विस्तृत करते हैं तथा अधिकार धारक को यह अनुमति देते हैं कि वे अपने प्रदर्शन में संशोधन करने पर आपत्ति उठा सकें जिससे उनकी प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।


स- सुरक्षा के लिए तकनीकी उपाय और प्रबंधन सूचना अधिकार

डब्ल्यूसीटी एवं डब्ल्यूपीपीटी ने अपने सदस्यों को ‘विरोधी धोखे’ उपायों को लागू करने के द्वारा अधिकारों के प्रवर्तन एवं प्रबंधन को और भी अधिक मज़बूत किया है; बर्न सभा के अधिकारों की रक्षा करने के लिए उचित कानूनी सुरक्षा और प्रभावी उपायों को किया है; और डिजिटल अधिकार प्रबंधन (डीआरएम) को भी लागू किया है।


ट्रेडमार्क


साइबरस्पेस ने ट्रेडमार्क मालिकों से संबंधित एक नया मामला उठाया है जो कि उनके ट्रेडमार्क की सुरक्षा और उनके नाम से संबंधित है।


अ- सर्च इंजन और इंटरनेट के विज्ञापनों में ट्रेडमार्क का उपयोग करना


प्रस्तावना

विज्ञापन के लिए इंटरनेट बहुत ही महत्वपूर्ण जगह बन गई है। यह किसी भी विज्ञापन के प्रचार-प्रसार के लिए बहुत ही मुख्य स्थान बन गया है; कंपनियों अपनी साइटों पर वेब ट्रेफिक बढ़ाने के लिए इंटरनेट पर विज्ञापन देती हैं। यह उनके राजस्व में बढ़ावा देती हैं, जिसके कारण से कंपनियां अपने उत्पाद या सेवाओं को बेचने या बाजार में लाने के लिए इंटरनेट का उपयोग करने पर अधिक ध्यान केन्द्रित करती हैं।

इंटरनेट पर सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली एप्लिीकेशन ईमेल की सेवाए होती हैं जो इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के द्वारा जानकारी को एकत्रित करने के लिए सर्च इंजनों और पोर्टल साइटों को मुख्य स्रोत के तौर पर अपनाते हैं।

अपनी आय को बढ़ाने के लिए कंपनियां अपने उत्पादों या सेवाओं का विज्ञापन इन सर्च इंजनों के माध्यम से करते है ताकि वे सर्वोच्च रैंकिग प्राप्त कर सकें। मुख्य शब्दों और झूठा विज्ञापन बेचने के द्वारा इन पोर्टल साइटों और सर्च इंजनों को एक अवसर होता है कि अपनी आमदनी को बढ़ा सकें (मुख्य शब्द सबसे मुख्य इकाई होते हैं जो सर्च इंजन उपयोग करते हैं) जिन बातों के लिए ग्राहक को अपने कंपनी के उत्पाद या सेवाओं को इंटरनेट पर रखने की आवश्यकता होती है।

संबंधित शब्दावली की परिभाषाएंः

विज्ञापन खरीदनेवाले और बेचनेवाले के मध्य लेनदेन को प्रभावित करने के लिए जानकारी को प्रसारित करना होता है।

मुख्यशब्द बैनरः बैरनों के विज्ञापन वे होते हैं जो किसी पूर्वनिर्धारित शब्द को सर्च इंजन पर खोजे जाने पर प्रकट होते हैं।


सर्च इंजन और पोर्टन साइटों पर मुख्यशब्द के तौर पर ट्रेडमार्क का उपयोग करनाः

सर्च इंजन का सम्पूर्ण इंटरनेट ब्राउज़िग के उपयोग करने में एक बड़ा हिस्सा होता है। उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकताओं को खोजने के लिए इनका उपयोग करते हैं; इस खोज में खोजन वाले शब्दों का एक वृहद समूह हो सकता है।

जब आप अपनी वेबसाइट का निर्माण करते हैं, तो आपका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि आप सबसे शीर्ष के सर्च परिणामों में आएं और अपनी वेबसाइट पर अधिक से अधिक आगंतुकों की संख्या बढ़े। सर्च इंजन और अधिकांश पोर्टल साइटों ने वेबसाइट पर अधिक से अधिक संख्या में दर्शकों को बढ़ाने के रास्ते बनाए हैं और मुख्य शब्दों को बेचने के माध्यम से उन्होंने अपनी आमदनी में इज़ाफा किया है।

सर्च इंजनों में सबसे शीर्ष पर सूचीबद्ध होने के लिए या आपके बैनर को देखने के लिए जो खोजने की शब्दावली से मेल खाता है, उन मुख्य शब्दों (खोज शब्दावली) को कंपनियां खरीद लेती हैं जो उनकी वेबसाइट और व्यवसाय से संबंधित होते हैं। सबसे चुनिंदा मुख्य शब्द एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क हो सकता है और यह हमेशा कार्य करता है क्योंकि ऐसी कोई ट्रेडमार्क मुख्य शब्दावली सत्यापन प्रणाली नहीं पाई जाती है।


वेबसाइट, जिनके मालिकों ने मुख्य शब्दों को खरीद लिया है वे खोज परिणाम के शीर्ष पर और प्रायोजकों के क्षेत्रों पर सूचीबद्ध होते हैं, जो दिखावटी चुने हुए मुख्यशब्दों के तथ्य की अनदेखी कर रहे हैं।


वैधता और नैतिकता के मध्य मुख्य शब्दः

मुख्य शब्दावली और झूठे विज्ञापन के मामलों में नैतिकता के दृष्टिकोण से दो मुख्य बातें शामिल हैं। पहली बात ग्राहक, वेबसाइअ निर्माता और विज्ञापन नेटवर्क हैं जबकि वे अपने विज्ञापनों के लिए आवश्यक मुख्यशब्दों को खोजते हैं और इस तथ्य को नज़रअंदाज़ कर देते हैं कि ये मुख्यशब्द ट्रेडमार्क भी हो सकते हैं जिसका उपयोग करने का हक केवल उसके मालिक को है। इसलिए नैनतिकता एक मज़बूत अवरोधक होती है और दूसरों के स्वामित्व वाले ट्रेडमार्कों का उपयोग उनकी स्वीकृति के बिना करने से रोक सकती है।

और दूसरी बात सेवाप्रदाता होते हैं जैसे कि सर्च इंजन, पोर्टल साइट जिसमें उनका मुख्य उद्देश्य अपनी आमदनी को बढ़ाना होता है चाहे इसके लिए उन्हें कुछ भी क्यों न करना पड़े और जिसके द्वारा वे दूसरों को हानि पहुचाते हैं जो उनके स्वयं के मुख्यशब्दों (ट्रेडमार्क) के बेचने के द्वारा लाभ प्राप्त करने वाली पहली पार्टी होनी चाहिए।

निष्कर्षः विज्ञापन अभियानों के लिए आनलाइन विज्ञापन सबसे मुख्य तत्व बन गए हैं। सर्च इंजन और पोर्टल साइटों को इंटरनेट की शीर्ष स्थानों में से एक माना गया है जिनके पास बहुत अधिक संख्या में दर्शक पाए जाते हैं।

सर्च इंजन, पोर्टल साइट और विज्ञापन नेटवर्क किसी भी ग्राहक को मुख्य शब्द (कभी-कभी ट्रेडमार्क) को बेचने के द्वारा एक भारी इंटरनेट विज्ञापन की मांग को रखते हुए अपनी आमदनी को बढ़ाना चाहते हैं ऐसा करते समय वे कई बार ट्रेडमार्क के वास्तविक स्वामी के अकेले उपयोग के अधिकार की अनदेखी करते हैं।

हो सकता है कि इंटरनेट विज्ञापन को नियंत्रित और आईपी अधिकारों के उल्लंघन से बचने और जांच करने के लिए सेवा केन्द्र की स्थापना की गई हो।

ब- मेटा टैगिंगः- वेबसाइटों के मेटा टैगों में प्रसिद्ध ट्रेडमार्क के साथ

प्रस्तावना

इंटरनेट ने कई कंपनियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान की है। प्रत्येक दिन कंपनियों की वेबसाइटें संसार के लगभग प्रत्येक भाग को छूती होंगी।

बहुत अधिक संख्या में इंटरनेट उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकता को खोजने के लिए सर्च इंजन का उपयोग करते हैं। इसलिए सर्च इंजन और वेबसाइट पर अपनी उपस्थिति को अधिक से अधिक रखने पर व्यापार मालिक ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं जिसके लिए वे मेटा टेग और साइट सबमिशन का उपयोग करके खोज परिणामों में पहले देखे जा सकते हैं।

कुछ वेबसाइट मालिक अपने मेटाटेग में प्रसिद्ध ट्रेडमार्क को शामिल करते हैं, जिससे उनकी वेबसाइट को परिणामों की सूची में सूचीबद्ध होने का मौका मिलता है जब कोई एक विशेष ट्रेडमार्क को खोजता है।


परिभाषाएंः-

हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (एचटीएमएल) वेबपेज में एम्बेडेड कोड के तौर पर वैकल्पिक और आवश्यक लाइन कोड्स हैं जिन्हें वेबपेज आगंतुकों को नहीं दिखाया जाता है और इन्हें तकनीकी तौर पर अदृश्य रखा जाता है जिससे कि उन्हें वेबसाइट के पीछे चलाया जा सके। मेटाटेग एक नए वेबपेज के ऊपरी हिस्सें में रखे जाते हैं और ये वेबसाइट की सामग्री के बारे में फोरमेटिंग जानकारी को उपलब्ध कराता है जिन्हें उपयोगकर्ता वेबसाइट के एचटीएमएल स्रोत के तौर पर देख सकते हैं। ये फोरमेटेड जानकारी को सर्च इंजन के द्वारा जांचा जाता है और उपयोगकर्ताओं की खोजों वेबपेज को सूचीबद्ध करने और बनाए रखने के लिए उपयोग किया जाता है।

कुछ मेटा डेटा के प्रकारः

• विवरणः साइट खोज परिणाम में साइट के उद्देश्य का वर्णन करना और एक छोटे से पैराग्राफ में साइट तथा सामग्री का उद्देश्य को दिखाया जाना।

• मुख्यशब्दः खोजे गए मुख्यशब्दों को उपयोगकर्ता की खोज शब्दावली के साथ मिलाने के लिए उपयोग किया जाना।

• रोबोट्सः यह एक सामान्य तंत्र है जिसमें किसी पेज को अनुक्रमित करने पेज पर अनुसरण किए जाने के लिए लिंक करने का अनुसरण किया जाना।

• लेखकः साइट लिखने वाले की पहचान करें।

• कापीराइटः कापीराइट का मूलपाठ।

मेटाटेग और सर्च इंजन

जब आप अपनी वेबसाइट बनाते हैं और एक सर्च इंजन पर अपनी वेबसाइट की यूआरएल जमा या सदस्यता ली जाती है तो सर्च इंजन के क्रालर ही आपकी वेबसाइट पर जा सकते हैं, कुछ खोजने के लिए इसकी सूची का उपयोग कर सकते हैं, इस सामग्री को मेटाटेग कहा जाता है और सम्पूर्ण साइट की सामग्री, सर्च इंजन साॅफ्टवेयर अधिकांशतः मेटाटेग का उपयोग सूचीकरण के लिए करते है न कि वेबसाइट की सामग्री के।

प्रत्येक सर्च इंजन क्रालर अलग-अलग प्रकार से चलते हैं, प्रत्येक कुछ तत्वों की ओर कलन विधि पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, उदाहरण के लिए कुछ सर्च इंजनों में क्रालर टेग के विवरण की आरे ध्यान केन्द्रित करते हैं, कुछ मुख्यशब्द टेग, और अन्य लोग इन टेंगों को नकारते हैं और वेबसाइट की सामग्री का उपयोग किया जाता है।


उदाहरण दे कि कैसे कुछ मेटाटेग को सर्च इंजनों में दिखाया और उपयोग किया जाता हैः


मेटाटेग का दुरुपयोग एवं इसका ट्रेडमार्क के साथ संबंधः

ट्रेडमाक के प्रकारों का वृहद पैमाने पर दुरुपयोग इंटरनेट पर दिखाई देता है जैसे कि साइबर स्केबटिंग, टाइपो स्क्वेटिंग, साइबरमिअरिंग, मेटाटेगिंग, झूठा ट्रेडमार्क विज्ञापन और अन्य बातें।

मेटाटेगों का गलत उपयोग ट्रेडमार्क उल्लंघन की ओर बढ़ता है जब कोई वेबसाइट निर्माता किसी प्रसिद्ध प्रतिस्पर्धी ट्रेडमार्क या ट्रेड का नाम उसकी वेबसाइट के मेटाटेग में जोड़ते हैं।

इस प्रकार के कार्य के कारण से सर्च इंजन उपयोगकर्ता आधिकृत वेबसाइट से ट्रेडमार्क की खोज से परिवर्तित हो जाता है और उपयोगकर्ता ट्रेडमार्क मालिक के उत्पाद के हक में प्रतियोगी वैकल्पिक उत्पाद पर विचार कर सकता है।

मेटाटेग के उपयोग में एक और बात समाने आती है जब वेबसाइट निर्माता एक बहुत ही प्रसिद्ध ट्रेडमार्क या ट्रेड नाम को अपने मेटा टेग में अपनी वेबसाइट पर भीड़ बढ़ाने के उद्देश्य से रखता है। हम यह भी देखते हैं कि कुछ उत्पादों के विभिन्न स्वामी के समान ट्रेडमार्क या एक ही सामग्री या सेवाएं होती हैं; उदाहरण के लिए, “बीईई” ट्रेडमार्क कक्षा 34 में ब्राज़ील में पंजीकृत हुआ है एक स्थानीय स्वामी के तौर पर, और एक और दूसरा ट्रेडमार्क भी उसी तरह का 34 कक्षा वाला अल्जीरिया में पंजीकृत हुआ है, दोनों स्वामियों को मेटाटेग में अपने ट्रेडमार्क का उपयोग करने का अधिकार है और दोनों वेबसाइट एक ही इंजन में दिखाई देंगी जो उपयोगकर्ता को भ्रम डाल सकती हैं।

मेटा टेग का गलत उपयोग ग्राहकों को भ्रमित कर सकता है और उन्हें गलत जानकारी प्रदान कर सकता है जिससे कंपनी के बाजार, विश्वास और ईमानदारी पर प्रभाव पड़ सकता है।

इस प्रकार का उल्लंघन बहुत ही हानिकारक हो सकता है,  क्योंकि उपभोक्ताओं को मेटाटेग से जुड़ा हुआ कोई भी ज्ञान नहीं होता है। मेटा टेग का गलत उपयोग अनाधिकृत उपयोगकर्ता को कई महीनों या वर्षों के अंतराल में अधिकार निर्माण करने का मौका मिल जाता है, जिससे कारण से उल्लंघन को हल करना और भी अधिक कठिन बन जाता है।

उदाहरणः

• एक वेबसाइट कंप्यूटर के भाग और उपकरणों को बच सकती है, परन्तु मुख्यशब्दों के टेग अप्रासंगिक शब्दों जैसे कि बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज़ - बेंज़, एमपी3 शब्दों को व्यक्त करेगे। उन्होंने यह माना कि यदि अधिक से अधिक लोग उनकी वेबसाइट पर आएंगे तो कम से कम कुछ लोग को खरीदारी करेंगे।

• मान लीजिए कि कोई एक्स कंपनी अपने मेटा टेग मुख्यशब्दों में किसी वाय कंपनी के ट्रेडमार्क (ए, बी, या सी) जोड़ देती है तो जब इंटरनेट उपयोगकर्ता कोई ए शब्द की खोज करेंगे तो व्यवसायिक बेवसाइट एक्स दिखाई देगी और उपयोगकर्ता इस अप्रत्याशित परिणाम से भ्रम में पड़ जाएंगे और यह सोचना प्रारम्भ करेंगे कि वह एक्स कंपनी तो ए,बी या सी सामान या सेवाओं के मालिक की है।


इस प्रकार के मेटा टेगिंग का दुरुपयोग से बचने के लिए कुछ सर्च इंजनों ने साइट श्रेणी के हिस्से के तौर पर मुख्यशब्दों को टैग करना बंद कर दिया है, फिर भी वे इन मुख्य शब्दों को यह सुनिश्चित करने के लिए जांचते रहते हैं कि वेबसाइट की सामग्री से मेल खाते हों। यदि टेग अप्रासंगिक लगते हैं तो उन्हें दूसरे उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जब मुख्यशब्द सामग्री से पूरी तरह से मेल खाते नहीं दिखाई देते हैं और कोई उद्देश्य दिखाई नहीं देता है, तो कुछ सर्च इंजन ऐसे शब्दों की अनदेखी कर देते हैं या अपने डेटाबेस में ऐसी वेबसाइट को प्रतिबंधित कर देते हैं।

मेटाटेग से संबंधित कानूनी मसलेः-

इस तरह से मेटा टेग के तौर पर ट्रेडमार्क का उपयोग किया जाना जिससे सर्चइंजनों को उन ट्रेडमार्कों के साथ वेबसाइटों गलत तरीके से लिंक करना पड़े, इस बात ने बौद्धिक संपदा के उल्लंधनों के आरोपों को प्रस्तुत किया है।

कोर्ट ने इस बात को पाया है कि भ्रम की संभावना को कम प्रतिबंधात्मक नियमों के माध्यम से कम किया जा सकता है जिसे पहले अभियोगी ने खोजा था। इसमें अभियुक्त से वेबसाइट पर एक कथन दिखाने के लिए कहा जाए कि वेबसाइट इससे ग्रसित है और अभियोगी से उसके संबंधों का खंडन करने तथा अभियोगी की वेबसाइट के पहले पृष्ठ पर उनके स्थान की पहचना के बारे में विवरण प्रस्तुत किया जाए।

यह कहा जाना चाहिए कि यह एक आरंम्भिक निषेधाज्ञा का मामला है। अभियुक्त लगभग एक दशक से साथ में है और जबकि उनके व्यवसाय में काफी कुछ अतिव्याप्त हो सकता है, ऊपर दिए गए उदाहरण में अभियोगी मुख्य तौर पर एक आॅटोमोबाइल निर्माता है, परन्तु अभियुक्त कम्पयूटर से संबंधित सेवाओं को प्रदान करता है।

कोर्ट ने फैसला किया है कि मेटाटेग के तौर पर ट्रेडमार्क का उपयोग “आरम्भिक रूचि भ्रम” का मामला हो सकता है। इस प्रकार का भ्रम तब पैदा होता है जब एक व्यक्ति अपनी जांच के तौर पर एक ट्रेडमार्क का उपयोग करते हुए किसी ट्रेडमार्क वाले स्वामी की वेबसाइट की खोज करता है। इस व्यक्ति को किसी और वेबसाइट पर डाला जा सकता है और उस ट्रेडमार्क स्वामी के उत्पादों के पक्ष में ध्यान करते हुए उत्पादों को वैकल्पिक माना जा सकता है।

स-लिंकिग और फ्रेमिंग

लिंकिंग किसी उपयोगकर्ता को अन्य वेबसाइट पर लिंग करना होता है (मुख्यतौर पर लिंक करना) और फ्रेमिंग वेबसाइट के अन्य पेजों को (हो सकता है कि इसमें ट्रेडमार्क या ट्रेड नाम शामिल हों) वेबसाइट के भीतर ही उपयोगकर्ता को चलाया गया है, जिससे हो सकता है कि ऐसा प्रभाव दिखे जो कि वेबसाइट को ट्रेडमार्क मालिक की ओर से प्राधिकार मिला हो।

यहां पर एक तकनीकी समाधान मौजूद है जिससे केवल आधिकारिक वेबसाइटों को विशेष सामग्री को फ्रेम करने की अनुमति मिले, हालांकि साधारण लिंकिंग कठिन हो सकती है; कुछ मानते हैं कि लिंकिंग अपने आप में हानिरहित होती है परन्तु वेबसाइट के किसी भी पेज को लिंक करने की योग्यता, उपयोगकर्ता को उसके मुख्य पृष्ठ को हटाने से भ्रम में डाल सकती है जिससे कुछ ट्रेडमार्क वास्तविक वेबसाइट से संबंधित होते हैं।

द- न्यायक्षेत्र और प्रयोज्य कानून


यह एक प्रक्रियात्मक मामला है, परन्तु बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुआ है कि कौन सा न्यायक्षेत्र/नियम का उपयोग किया जाएगा जब किसी वेबसाइट पर ट्रेडमार्क मालिक से किसी अन्य देश में कोई उल्लंघन होता है।

चौथा- अंतर्राष्ट्रीय संगठन और संधि

नाम और नंबर देने के लिए (आईसीएएनएन) इंटरनेट कॉरपोरेशन

आईपीआर की सुरक्षा के लिए तंत्र (यूडीआरपी को अपनाने)

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्लूआईपीओ)

कापीराइट पर संधियां तथा प्रदर्शन और फोनोग्राम 1996

यूडीआरपी का विकास

इंटरनेट पर आईपी से संबंधित मुद्दों का सर्वेक्षण

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ)

टीआरआईपी

ई-कॉमर्स पर कार्यक्रम

बहुभाषी इंटरनेट नाम सहायता संघ (एम आई एन सी)

एम आई एन सी सीसीएमसी

स्थानीय सशक्तिकरण (स्थानीय कार्यसमूहों के माध्यम से)

पांचवां - डोमेन नामों से संबंधित अध्ययन के मामले

• तलाल अबु गजालेह (काम/नेट/ओआरजी), सितम्बर 2001: किसी ने यह दावा करते हुए कि उसके पास इसके सारे अधिकार है इस नाम को आरक्षित कर लिया और एक यूडीआरपी को भरने के बाद इस डोमेन नाम को शिकायतकर्ता (तलाल अबु गजालेह संगठन) में परिवर्तित करना था।

• फरवरी 2006 में, bellsouthvoip.com : यह अभी हाल ही का मामला है और हालांकि यूडीआरपी के द्वारा ट्रेडमार्क या ट्रेडनाम मालिक का नाम मिल सकता है, ऐसा लगता है कि वीओआईपी को उनके नाम के आगे जोड़ने के बाद उन्हें सुरक्षा मिलती है, परन्तु फिर से यह स्पष्ट है कि यह साइबर स्क्वेट है और नाम को बेल साउथ कंपनी को वापस दिया गया था।

• डब्ल्यूआईपीओ द्वारा संभाले गए मामलों की एक पूरी सूची मिल सकती है:

http://arbiter.wipo.int/domains/cases/index.html


सावधानियां

हालांकि यह बहुत ही मंहगा हो सकता है कि डोमेन नाम को सभी जीटीएलडी और सीसीटीएलडी में पंजीकृत कराने की कोशिश की जाए, कभी-कभी ट्रेडमार्क मालिक को होने वाला नुकसान और भी अधिक मंहगा हो सकता है।

मैं उन ट्रेडमार्क मालिकों के द्वारा लागू की जा सकते वाली सावधानियों की सूची प्रस्तुत करूंगा जिससे उनके ट्रेडमार्क को डोमेन नामों में दुरूपयोग करने की कोशिशों को कम किया जा सकता हैः

• अपने ट्रेडमार्क को डोमेन नाम को उस हीटीएलडी या सीसीटीएलडी के साथ पंजीकृत कराएं जिसमें आप उपयुक्त समझते हैं।

• उन नामों को आरक्षित करने पर विचार कर सकते हैं जो भ्रामकतौर पर आपके ट्रेडमार्क से मेलखाते हों।

• डोमेन नामों को एक समर्पित व्यक्ति या एक विभाग की आवश्यकता होती है जो आईटी से ज्यादा आईपीआर से संबंधित हों।

सातवां - इंटरनेट अधिकार

वल्र्ड समिट आन इंफार्मेशन सोसाइटी (डब्ल्यूएसआईएस)

जिनेवा में दिसम्बर 2003 में पहली चरण की बैठक के बाद, बहुत सारे प्रस्ताव जारी किए गए और केवल दो ही बातों पर अधिक कार्य की आवश्यकता थी। समिट ने निर्णय लिया कि इन दोनों बातों पर अध्ययन किया जाना चाहिए और इसकी रिपोर्ट सभा के दूसरे सत्र ट्यूनीशिया में नवम्बर 2005 के पहले तैयार की जानी चाहिए।

दो मुख्य बातें ये हैंः

• इंटरनेट अधिकारः जहां पर निर्णय यह था कि यूएन महासचिव एक समान्य सभा में इस कार्य का अध्ययन करेंगे और सभा के दूसरे सत्र से पहले इसकी रिर्पोट प्रस्तुत करेंगे, और उसका परिणाम वर्किग गु्रप आन इंटरनेट गवर्नेंस (डब्ल्यूजीआईजी) और जिसकी रिर्पोट अगस्त 2005 में प्रकाशित की गई। हालांकि आईपीआर ही एक मुख्य विवादित मुद्दा नहीं था परन्तु इसे रिपोर्ट में प्रस्तुत किया गया था और यह कि आईपीआर को आनलाइन सुरक्षा प्रदान किया जाना चाहिए।

• वित्तीय तंत्रः यह आईपीआर से संबंधित मामला नहीं है परन्तु रिर्पोट को सीमा समय से पहले प्रकाशित किया जाना था और विकसित एवं विकासशील देशों के मध्य में डिजिटल अंतर को समाप्त करने में सहायता हेतु एक कोष का निर्माण किया गया।

वर्किग गु्रप आन इंटरनेट गवर्नेंस (डब्ल्यूजीआईजी)

यह बहुकार्य करने वाला समूह था जिसमें सरकारों, निजी क्षेत्रों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। खुली चर्चाओं के साथ चार सभाएं हुईं और अगस्त 2005 में रिपोर्ट को प्रकाशित किया गया और नवम्बर 2005 में समिट द्वारा इसे स्वीकृत कर लिया गया, खासतौर से इंटरनेट से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए एक फोरम को बनाया जाना था। आईपीआर मुख्य मुद्दों मंे से एक था जिसे इस फोरम के द्वारा काबू में लाया जाना चाहिए था।

इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (आईजीएफ)

अभी तक, इस फोरम के द्वारा नियंत्रित और निर्णय किए जाने वाले मुद्दों पर चर्चाएं जारी हैं। हाल ही के जिनेवा परामर्श (फरवरी 2006) में इस बात पर सहमति हुई कि फोरम की पहली सभा अक्टूबर/नवम्बर 2006 में एथेंस में की जाएगी और हाल के आनलाइन परामर्श में यह निर्धारित करने के लिए कि पहली सभा में लिए गए मुद्दों में अभी तक कौन से चल रहे हैं। आईपीआर के मुद्दों को इन मुद्दों में से एक होने की उम्मीद नहीं है।

संदर्भ:

मेरी फर्म और मैं जिन समूहों और कार्यदल में सदस्य हैं:

• इंटरनेशनल चेंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) इंटरनेट पर आईपीआर पर संयुक्त टास्क फोर्स

• आईसीएएनएन का बौद्धिक संपदा निर्वाचन क्षेत्र

• बहुभाषी इंटरनेट नाम सहायता संघ (एम आई एन सी)


सामान्य प्रशासन


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